लाना पड़ा था लेखानुदान
बता दें कि विभिन्न वजहों से विधानसभा का बजट सत्र नहीं हो पाया था। इसकी वजह से शिवराज सरकार को एक लाख 66 करोड़ रुपये से अधिक का लेखानुदान अध्यादेश के माध्यम से लाना पड़ा था। उम्मीद थी कि मानसून सत्र तक स्थितियां सामान्य हो जाएंगी और विधिवत बजट प्रस्तुत होगा लेकिन कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सर्वसम्मति से सत्र को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया। अब 21 से 23 सितंबर तक चलने वाले विधानसभा सत्र में सभी जरूरी शासकीय कार्य संपादित किए जाएंगे।
वैट अधिनियम में संशोधन के लिए आएगा विधेयक
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसमें बजट अध्यादेश के स्थान पर विधेयक लाया जाएगा। वहीं, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग आर्थिक सर्वेक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा। सत्र में पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के लिए किए गए वैट अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक प्रस्तुत होगा। वहीं, श्रम कानून और मंडी अधिनियम में अध्यादेश के माध्यम से किए गए बदलाव के लिए श्रम और कृषि विभाग संशोधन विधेयक लाएंगे।