वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के कुछ इलाकों में चीनी सैनिकों की बढ़ती गतिविधियों की खबरें आने के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत व चीन के रिश्तों की दिशा की शर्तें तय कर दी हैं।
जयशंकर ने दो टूक कहा है कि जब तक एलएसी पर तनाव रहेगा, तब तक चीन के साथ दूसरे क्षेत्रों में रिश्तों को सामान्य नहीं बनाया जा सकता।
इसके साथ ही जयशंकर ने वर्ष 1988 में पूर्व पीएम राजीव गांधी की बीजिंग यात्रा के दौरान सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर किए गए समझौते को तोड़ने का आरोप भी चीन पर लगाया है।
जयशंकर ने कहा- दोनों देशों के रिश्ते दोराहे पर, आगे की दिशा चीन के रवैये से तय होगी
कहा है कि दोनों देशों के रिश्ते अभी दोराहे पर हैं और आगे की दिशा चीन के रवैये से ही तय होगी। जयशंकर ने एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस की तरफ से आयोजित परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए ना सिर्फ चीन के साथ भारत के रिश्ते, बल्कि कोविड की वजह से बदलते वैश्विक समीकरण पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।