चीन को दी हिदायत, यथास्थिति में बदलाव की कोशिश न हो
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी पुस्तक ‘द इंडिया वे : स्ट्रैटजिज फार एन अंसर्टेन वर्ल्ड’ के लोकार्पण से पहले एक साक्षात्कार में उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, हम चीन के साथ राजनयिक और सैन्य दोनों चैनलों के जरिए बातचीत कर रहे हैं। वैसे जब बात समाधान निकालने की है तब यह सभी समझौतों एवं सहमतियों के सम्मान के आधार पर किया जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने चीन को आगाह किया कि सीमा पर एकतरफा यथास्थिति में बदलाव की कोशिश नहीं होनी चाहिए।
सीमा पर शांति संबंधों का आधार
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के साथ मिलकर काम करने की क्षमता एशिया के भविष्य का निर्धारण करेगी। हालांकि उन्होंने चीनी हरकतों की ओर इशारा करते हुए यह भी कहा कि उनकी ओर से खड़ी की जाने वाली समस्याएं इस पर असर डाल सकती हैं। यही वजह है कि दोनों देशों के लिए सीमा पर शांति बेहद महत्वपूर्ण संबंध है। इसके लिए ईमानदार संवाद बनाने की जरूरत है। भारत ने चीनी पक्ष को साफ साफ बता दिया है कि सीमा पर शांति संबंधों का आधार है। हम पिछले तीन दशकों पर गौर करें तो यह खुद ही स्पष्ट हो जाता है।