सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वह सेंट्रल विस्टा परियोजना मामले में सबसे पहले भूमि उपयोग के बदलावों को चुनौती देने वाले मुद्दे पर सुनवाई करेगा। इस परियोजना के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर लुटियंस तक के करीब तीन किलोमीटर लंबे हिस्से में बड़े बदलाव करने की तैयारी है।
जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने परियोजना को दी गई पर्यावरण मंजूरी समेत कई अन्य पहलुओं पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा, भूमि उपयोग में बदलावों को लेकर लगे आरोप इस मामले का शुरुआती मुद्दा है। हम यहीं से सुनवाई शुरू करेंगे।
पीठ ने कहा, इ याचिकाओं में कई बड़े मुद्दे उठाए गए हैं। जैसे भूमि उपयोग में बदलाव, वैधानिक और नगरपालिका कानूनों का कथित उल्लंघन और पर्यावरण मंजूरी समेत कई अन्य पहलू। पीठ ने कहा, सुविधा के लिए जिस क्रम में सुनवाई आगे बढे़गी उसका एक मसौदा तैयार किया गया है।
इसमें दर्ज की गई विभिन्न याचिकाओं के प्रमुख मुद्दों के समक्ष उनके लिए जिम्मेदार अधिकारियों का जिक्र किया गया है। साथ ही इसमें खासतौर पर उन अधिसूचनाओं या नोटिसों का जिक्र है जिन्हें चुनौती दी गई। पीठ ने इसके साथ ही सभी पक्षों से अगली तारीख तक मसौदे में सुधार के लिए सुझाव देने को भी कहा है। इस मामले में 25 अगस्त को अगली सुनवाई होगी।