भारतीय राजनीति में बिरले नेताओं का कद ऐसा होता है कि उसकी पार्टी के अलावा विपक्षी नेता और विचारधारा से इतर के संगठन भी उससे रायशुमारी और मार्गदर्शन लेते हों। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इन्हीं बिरले नेताओं में शुमार थे। कांग्रेस में प्रणब मुखर्जी का कद ‘भीष्म पितामह’ जैसे रणनीतिकार और ‘संकट मोचक’ का था तो विपक्षी भाजपा और संघ के नेताओं के लिए वह एक सच्चे ‘मार्गदर्शक’ थे। आइये दिग्गज नेताओं की जुबानी ही भारतीय सियासत के इस ‘अजातशत्रु’ की अहमियत को जानते हैं।