राज्यसभा में विपक्ष के बहिष्कार के बीच विधेयकों को पारित कराए जाने पर सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस तरह विधायी कार्य कराया जाना दुखद है। लेकिन ऐसी स्थिति में यदि कामकाज नहीं होगा तो आपत्तिजनक व्यवहार करने वाले सांसदों के रवैये को एक तरह की वैधता मिल जाएगी। नायडू ने सदन में सत्र समाप्ति की घोषणा से पूर्व संबोधित करते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब सदन के कुछ सदस्य निलंबित हैं, कई सदन का बहिष्कार कर रहे हैं और विधेयक पारित कराये जा रहे हैं। लेकिन यह स्थिति मेरे लिए बहुत ही दुखद और असहनीय है। ऐसी स्थिति को हर तरह से टाला जाना चाहिए।
लगभग 22 साल उच्च सदन में बिताने वाले नायडू ने कहा कि जब शोरशराबे में विधेयक पारित होते हैं तो उन्हें बहुत आक्रोश होता है। आठ सदस्यों के निलंबन पर उन्होंने कहा कि जब आवश्यक होता है तब सदन के नियमों के अनुसार इस तरह की कार्रवाई की जाती है।