महाराष्ट्र सरकार, शिवसेना और अभिनेत्री कंगना रनोट के बीच सियासी घमासान जारी है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कंगना रनोट का ऑफिस तोड़े जाने को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार पर प्रहार किया है। फड़नवीस ने कहा कि दाऊद इब्राहिम का घर नहीं तोड़ा जाता, जबकि कंगना का घर तोड़ दिया जा रहा है।
हद से मामले को तूल दिया
इस मामले को लेकर फड़नवीस ने कहा कि कंगना रनोट के मामले को आपने (शिवसेना) ने हद से ज्यादा तूल दिया। वह कोई नेता नहीं है। आप दाऊद इब्राहिम का घर तो तोड़ने नहीं गए लेकिन आपने उसका बंगला तोड़ दिया।महाराष्ट्र सरकार अगर कंगना के बजाय कोरोना से लड़ने में करती तो आज कोरोना वायरस नियंत्रण में होता। वास्तविकता यह है कि महाराष्ट्र सरकार कोरेाना से लड़ना नहीं चाहती। इससे कुछ दिन पहले फडणवीस ने बीएमसी द्वारा कंगना का दफ्तर तोड़े जाने पर कहा था कि यह एक तरह से राज्य में ‘सरकार द्वारा प्रायोजित आतंक’ है।
आठवले ने मुआवजे की मांग की
इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। आठवले ने कंगना रनोट के दफ्तर पर बीएमसी की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए राज्यपाल से मुआवजे की मांग की। इससे पहले आठवले ने कंगना से उनके आवास पर करीब एक घंटे तक मुलाकात की थी। आठवले ने कंगना को सुरक्षा का वादा करते हुए कहा था कि अगर वह राजनीति में आना चाहती हैं तो भाजपा और आरपीआइ (RPI) उनका स्वागत करेगी।