कांग्रेस में असहमति के दौर के बाद अब चुनौती की भी स्थिति दिखने लगी है। बुधवार को तेज तर्रार और बेबाक नेता कपिल सिब्बल ने बिना किसी संदर्भ के ट्वीट किया और कहा, ‘सिद्धांत के लिए लड़ाई में विरोध स्वत: आता है जबकि समर्थन जुटाया जाता है।’ कांग्रेस के अंदर चल रहे कामकाज के तौर तरीके के विरोध में 23 नेताओं की चिट्ठी के बाद इस ट्वीट को बड़ा जवाबी हमला माना जा सकता है।
दरअसल, सोमवार को जिस तरह कांग्रेस के युवा और कई पुराने नेताओं ने एकजुट होकर चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को कठघरे में खड़ा किया था, इस ट्वीट को उसका जवाब माना जा रहा है। सिब्बल ने परोक्ष रूप से यह जताने की कोशिश की कि कांग्रेस के अंदर बड़ी संख्या में लोग हैं जो चिट्ठी में उठाए गए मुद्दे के साथ हैं। प्रबंधन के जरिए भले ही उसे खारिज कर दिया जाए, लेकिन मुद्दा खत्म नहीं हुआ है। हंगामेदार कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दो दिन बाद पार्टी में चुप्पी है। बड़े छोटे सभी नेताओं ने मुंह बंद कर लिया। लेकिन सिब्बल का ट्वीट जताता है कि अंदर उबाल है और यह तभी खत्म होगा जब सुधार होंगे। उन्होंने ‘सिद्धांत की लड़ाई में, जिंदगी हो या राजनीति या कानून का क्षेत्र, विरोध स्वत: होता है, जबकि समर्थन प्राय: प्रबंधन के जरिए जुटाया जाता है।’